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अब जबकि हम सबसे नजदीक है तब,सबसे अधिक दुरी है हमारे बीच ठीक वैसे ही ,जैसे एक गर्म चाय की प्याली और होंठो के बीच हजारों मील की होती है
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टप-टप ....... बारिश की बूंदों ने भिंगो दिया और सज गयी महफ़िल आँखों के आगे जब उतर आई थी बुँदे एक अनजान शहर से , गिरती रही गाते हुए राग-मल्हार...
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इन आँखों में कत्लेआम मचा है यहां कौन दागी-बदनाम बैठा है.
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चाँद का तिरछापन खटकता नहीं है अब बेध जाता है कही गहरा ... ...........कैसे स्थिर नहीं रख पाता चाँद अपनी गोलाई ...? और तुम चुपचाप रख देती...
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दिल्ली के ऊपर जिसने भी राज किया वह इतिहास का हिस्सा होते गए। भाजपा के विजयरथ को आश्चर्यजनक ढंग से अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव में रोक ...
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हमसब राजा थे अपने-अपने हिस्से के अपने दिनों में, तब बिखरा रहता था उत्साह हर तरफ,और बचा रह जाता था जोश अंतिम थकान के बाद भी, उस वक़्त खिड़किया...
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ऐसा क्या था ? तुम्हारी आवाज में ... वह खींचता चला गया हवा में फेंका नहीं था ... तुमने अपने घर का पता .... वह सबसे पूंछत...
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हमसब राजा थे अपने-अपने हिस्से के अपने दिनों में जब हर तरफ बिखरा रहता था उत्साह और अंतिम थकान के बाद भी बचा रह जाता था जोश जिद ...
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